सींग और नाखून
लोहे के बख़्तर कंधों पर।
सीने में सूराख़ हड्डी का।
आँखों में घास-काई की नमी।
एक मुर्दा हाथ
पाँव पर टिका
उल्टी क़लम थामे।
तीन तसलों में कमर का घाव सड़ चुका है।
जड़ों का भी कड़ा जाल
हो चुका पत्थर।
(1942)
सींग और नाखून
लोहे के बख़्तर कंधों पर।
सीने में सूराख़ हड्डी का।
आँखों में घास-काई की नमी।
एक मुर्दा हाथ
पाँव पर टिका
उल्टी क़लम थामे।
तीन तसलों में कमर का घाव सड़ चुका है।
जड़ों का भी कड़ा जाल
हो चुका पत्थर।
(1942)