मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सीता के खोइंछा जखन खोलथिन ननदिया
हे मने-मन मुसके
सीता के खोइंछा मोहर लाल
हे मने मन मुसके
पीयर पीताम्बर साड़ी जे देलनि
हे मने मन मुसके
केहन दरिद्र घर बाबा भइया विआहल
हे मने मन मुसके
भउजी केर खोइंछा दूभि धान
हे मने मन मुसके