वामा रूप धरे
श्रम साधती, स्वप्न पालती स्त्री
कुंठा रोग से ग्रस्त
हर उस पुरुष को खटकती है
जो बाहर से छैला
और
भीतर से विषैला है।
वामा रूप धरे
श्रम साधती, स्वप्न पालती स्त्री
कुंठा रोग से ग्रस्त
हर उस पुरुष को खटकती है
जो बाहर से छैला
और
भीतर से विषैला है।