सुख - दुख से दूर
निर्जन एकान्त में
सिर्फ मैं
और कोई नहीं
किसी का इन्तजार भी नहीं
गोया
सागर के बीच
एक अकेला द्वीप
सुख - दुख से दूर
निर्जन एकान्त में
सिर्फ मैं
और कोई नहीं
किसी का इन्तजार भी नहीं
गोया
सागर के बीच
एक अकेला द्वीप