उपटे खुरचे लीपी छाबी
भीत पोतकर
मांडी सांझी
सब बैठे फिर गोल बाँधकर
सबने मिलजुल
गाया गाना
बीच दुखों में दुनिया भर के
अपना छोटा-सा
सुख
पहचाना।
उपटे खुरचे लीपी छाबी
भीत पोतकर
मांडी सांझी
सब बैठे फिर गोल बाँधकर
सबने मिलजुल
गाया गाना
बीच दुखों में दुनिया भर के
अपना छोटा-सा
सुख
पहचाना।