कोयल, बुलबुल, सुग्गा, मैना
तोरे साथेॅ हमरोॅ जीना
तोरो होय छै मिट्ठोॅ बोली
सुनी के नांचै अंगना कोना।
तोहें सबकेॅ लागै प्यारोॅ
सबकेॅ तोहें खूब दुलारोॅ
तोरो सुन्दर रूप निराला
जेना गुथलोॅ मोती माला।
सभ्भे घरोॅ के तोहें पहुना
सबपर तोरोॅ जादू टोना
नूनू बुतरु के तोंय भावै
तोरा देखतै ही पगलावै।
तोहैं केकरोॅ सें नै मांगै
घुमी-फिरी केॅ मौज उड़ावै
सब दिन तोहें गावै गाना
‘धनजंय’ के भी करै दिवाना।