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सुग्गा रटलक सीताराम / तारानंद वियोगी

'सीताराम-सीताराम' रटलक सुग्गा
आ जनम अवधि पिजडा मे कैद रहल ।

मासु खाइ लेल पकडल गेल हारिल-बटेर
पडबा चिट्ठी पहुचाब' लेल पकडल गेल
मुदा सुग्गा पकडल गेल एही लेल
जे ओ 'सीताराम-सीताराम’ रटि सकैए।

रटैए सुग्गा सीताराम-सीताराम
आ भोगैए जनम-जनम के गुलामी;
 प्रभु-युग मे मुइल ओहि करोडो मनुक्ख जकां
जे राम-नाम पर काया कुर्बान केलक।

जागह बाबू जोगीलाल, जागह
उठि क' ठाढ भ' रहल छथि प्रभु लोकनि
आब तोरो रटाएल जेतह सीताराम
पिजडा आब तोरो लेल बनाएल जेतह।