सुनो मधुमालती !
मैं
चाहती हूँ कि
सहजता बनी रहे,
जो दे पाए सिर्फ़
मुझे साहस
बदलने का
बिल्कुल वैसे
जैसे तुम
रात में महकी हुई
गुलाबी,
सुबह हो जाती हो
फिर सफ़ेद…
सुनो मधुमालती !
मैं
चाहती हूँ कि
सहजता बनी रहे,
जो दे पाए सिर्फ़
मुझे साहस
बदलने का
बिल्कुल वैसे
जैसे तुम
रात में महकी हुई
गुलाबी,
सुबह हो जाती हो
फिर सफ़ेद…