बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
सुन्दर सेत सरद को चन्दा।
रास रचौ गोविन्दा।
सेत उठाई सेत बिछाई।
सेत चाँदनी बन्दा।
सेतइ कली टिकुली सी दमकैं,
अली करै आनन्दा।
जेवर सेत-सेत पोसाखैं।
सेत सुमन को कन्दा।
ईसुर सेत सुपेती को सुख,
किसन चन्द मकरन्दा।