Last modified on 4 फ़रवरी 2009, at 20:28

सुबह / बहादुर पटेल

ऎन सुबह चाँद बहुत सुन्दर लगा
जाते-जाते
उसने अलविदा कहा
फिर मिलने के वास्ते
कुछ टुकड़े चाँदनी के बिखर गए
उसकी रोशनी से सूरज की
लालिमा धुल गई
साफ़ झक्क सूरज चमक रहा
आसमान में ।