सुबह खुली
तो खिड़की में से
झुक आई है डाल
अपने पर फूल खिलाए -
सहारे पर जिसके
आ सकता है कोई साँप कभी अन्दर
इसे खुला ही रहने दूँ
या फिर कर दूँ बन्द।
सुबह खुली
तो खिड़की में से
झुक आई है डाल
अपने पर फूल खिलाए -
सहारे पर जिसके
आ सकता है कोई साँप कभी अन्दर
इसे खुला ही रहने दूँ
या फिर कर दूँ बन्द।