सुबह न हुई
रात के बाद
शाम हुई
फिर रात हुई
आपके राज में
सुबह का इंतजार
हमें बुढ़ा गया
बुढ़ा गए हम।
रचनाकाल: ११-०३-१९६८
सुबह न हुई
रात के बाद
शाम हुई
फिर रात हुई
आपके राज में
सुबह का इंतजार
हमें बुढ़ा गया
बुढ़ा गए हम।
रचनाकाल: ११-०३-१९६८