अन्धेरा बहुत गहरा हो
तो समझना सुबह क़रीब है
दुख जब भी आए, घबराना नही
सुख पास ही खड़ा होगा कहीं
चलते रहो तब भी जब रास्ता न सूझे
अन्धेरा ही फूटेगा बनकर उजास
मँज़िल चलकर आएगी तुम्हारे पास
अन्धेरा बहुत गहरा हो
तो समझना सुबह क़रीब है
दुख जब भी आए, घबराना नही
सुख पास ही खड़ा होगा कहीं
चलते रहो तब भी जब रास्ता न सूझे
अन्धेरा ही फूटेगा बनकर उजास
मँज़िल चलकर आएगी तुम्हारे पास