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सूरजमुखी / स्वाति मेलकानी

मुझे पसंद है
फूल सूरजमुखी का।
वह नहीं जा बैठता
पानी में
खुश्क हवाओं से डरकर
मुकाबला करता है
गर्म मौसम का
पर
अपने बदन पर
काँटे नहीं उगाता।
देखता है आसमान को
जमीन से जुड़कर
रंगो की भीड. में
नही शरमाता
सादा रंग चुनकर।
खुद निकल पड़ता है
सूरज की तलाश में।
वह नही करता
इंतजार रोशनी का
मुझे पसंद है
फूल सूरजमुखी का।