अकाल के दिनों
मरुस्थल पर
आता है
हमेशा
सूरज
मानों
आता है
कोई बुजुर्ग
बच्चों की
मौत पर
संवेदना प्रकट करने
धीरे
धीरे !
अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"
अकाल के दिनों
मरुस्थल पर
आता है
हमेशा
सूरज
मानों
आता है
कोई बुजुर्ग
बच्चों की
मौत पर
संवेदना प्रकट करने
धीरे
धीरे !
अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"