सूरत सुन्न नाम पहचानो।
जोली धुन्य सुन्न के भीतर तत्त खेल लख देख लजानो।
निरगुण नाम धाम पर पूरन वेद पुरान विदित गत सानों।
अक्षर आद शक्त उत्पति की जीव कर्मवस राह हिरानो।
है सिध्यात सरन सतुगुर की सुरत शब्द बखानो।
जूड़ीराम मान मद त्यागो है सतसंग प्रेम उर आनो।