केतना नाजुक होला
भावुकता के क्षण।
आदमी उगिल देला सब
लइका लेखा।
कवनो कसाई मन
ओमे से
उचिला लेला अपना मतलब के बात।
साइत एही के कहल जाला
सेंटीमेंटल ब्लैकमेलिंग।
केतना नाजुक होला
भावुकता के क्षण।
आदमी उगिल देला सब
लइका लेखा।
कवनो कसाई मन
ओमे से
उचिला लेला अपना मतलब के बात।
साइत एही के कहल जाला
सेंटीमेंटल ब्लैकमेलिंग।