Last modified on 23 फ़रवरी 2008, at 00:11

सेंध / लाल्टू

तुम्हारे इंतजार में
सुबह गई
शाम गई

थकी रीढ़
थक गई आँखे

तुम आईं
साथ लाईं
एक लम्बी मोटी दीवार

आशा कुरेदने लगी है
दीवार को
कहीं धोखे से
लगा रखि हो तुमने सेंध कहीं।