Last modified on 23 नवम्बर 2010, at 11:09

सोच / कविता गौड़

सोच
टूटे दरख़्त
टूटे घर
टूटे रिश्ते

बड़े होटल
बड़े काम्पलेकस
बड़े देश
बड़ी लालसा
बड़ी रिश्वत
बड़ी शत्रुता
बड़ा काण्ड
बडा स्वार्थ
बड़ा आतंकवाद

छोटी सोच
छोटा दाम
छोटे विचार
फिर भी आज का
आदमी महान