सोलहवीं मोमबत्ती के
होते हैं
पंख
वह फूँकने से बुझती नहीं
उड़ने लगती है
जहाँ-जहाँ टपकती हैं
उसकी बूँदें
वहाँ कुछ जलता नहीं
सिंकता-सा है
और सुरक्षित रहता है
सब कुछ
बूँद के नीचे !
सोलहवीं मोमबत्ती के
होते हैं
पंख
वह फूँकने से बुझती नहीं
उड़ने लगती है
जहाँ-जहाँ टपकती हैं
उसकी बूँदें
वहाँ कुछ जलता नहीं
सिंकता-सा है
और सुरक्षित रहता है
सब कुछ
बूँद के नीचे !