सो जा मेरी नन्ही सिहरन
सो जा मेरी झिलमिल उलझन,
लाल पलंग पर सो जा!
चंदा मामा आएगा
नए खिलौने लाएगा,
तब तक तू निंदिया के जल में
छुपुर-छुपुरकर ताजा हो ले!
अंधियारे के कजरौटे से
एक डिठौना तेरे माथे!
दूध-बताशा लिए चांदनी
गुटुर-गुटुर तू पी ले, बेटी!
हवा झुनझुना बजा रही है,
लहरें स्वेटर बना रही हैं।
उठकर घुम्मू करने जाना,
बाबा की छाती सिरहाना!
सो जा मेरी झिलमिल उलझन!