मत ठमी
म्हारी कलम
जठै तांई
नहीं समझै
हियो हियै रो मरम
तोड़ै
भूख स्यूं मरतो
मिनख दम
नहीं मिलै
लुगाई नै
गाबो
ढंकण नै सरम
बिकै
पईसां रै सट्टै
ईमान’र धरम
नहीं टूटै
जात’र पांत रो
भरम
बठै तांई
मत ठमी
म्हारी कलम
तनै सबद री सौगन !
मत ठमी
म्हारी कलम
जठै तांई
नहीं समझै
हियो हियै रो मरम
तोड़ै
भूख स्यूं मरतो
मिनख दम
नहीं मिलै
लुगाई नै
गाबो
ढंकण नै सरम
बिकै
पईसां रै सट्टै
ईमान’र धरम
नहीं टूटै
जात’र पांत रो
भरम
बठै तांई
मत ठमी
म्हारी कलम
तनै सबद री सौगन !