Last modified on 3 सितम्बर 2009, at 17:40

स्टेशन पर विदा / अशोक वाजपेयी

तू अपना यौवन, अपनी हँसी
मेरे पास छोड़ गई
और तुझे ले गई
कोयले और पानी से चलती एक रेलगाड़ी।


रचनाकाल : 1961