Last modified on 23 जनवरी 2010, at 23:45

स्त्री की आवाज़ / रंजना जायसवाल

स्त्री की आवाज़
कुएँ से निकलकर
दरिया तक
पहुँचती है

और मौजों पर
सवारी गाँठ
जा पहुँचती है
समुद्र तक...।