एक दिन
देनें छेलै हुनी
एगोॅ किताब
हुनी देनें छेलै हमरा किताब
खूबे स्नेह सें
संवारै लेॅ हमरोॅ आपनोॅ भविश्य
आबेॅ हमरोॅ भविश्य छै
स्नेह सें भरलोॅ ई किताब ।
एक दिन
देनें छेलै हुनी
एगोॅ किताब
हुनी देनें छेलै हमरा किताब
खूबे स्नेह सें
संवारै लेॅ हमरोॅ आपनोॅ भविश्य
आबेॅ हमरोॅ भविश्य छै
स्नेह सें भरलोॅ ई किताब ।