आज रात भोत सुहावणी सी है
बायरियो बाजै
मुळकती सी धरती
होय रैयी है खांगी सी
पंखेरू नीं है अणमणा
दरखत जतावै आपरी खुसी
पानड़ा खिंड़ा-खिंड़ा’र
स्यात
थूं मुळकण लाग रैयी है.....
आज रात भोत सुहावणी सी है
बायरियो बाजै
मुळकती सी धरती
होय रैयी है खांगी सी
पंखेरू नीं है अणमणा
दरखत जतावै आपरी खुसी
पानड़ा खिंड़ा-खिंड़ा’र
स्यात
थूं मुळकण लाग रैयी है.....