स्वच्छंद डोलते गोडावण
कुलांचे भरते हरिण
सरसराते सांडे
निरीह दुमुंही सांप
या पीला करैत
किसी को भी नहीं पता
कि उन्हें देखकर आदमी की
जीभ लपलपाती है
और हथेली में खाज चलती है
किलामीटरों दौड़ती जीपों
चौकन्नी निगाहों
रतजगा करती आंखों और
साइलेंसर लगी बंदूकों के आगे
कब तक बचेगा इनका अस्तित्व
अब तो बिश्नोइयों ने भी
छोड़ दी है इनकी परवाह
खेत में घुस आने वाली
नीलगाय को भगाने के लिये
वो भी ले रहे हैं
टोपीदार का लाइसेंस।