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स्वप्न में भिश्ती-2 / पीयूष दईया

मश्क लटकाए खड़े भिश्ती को देख इतना घबरा गया कि नाख़ून चबाने लगा पर फिर भी बोला--
"एक साँस में भला जाता क्या है?"
वह हँसकर बोला--
"पता चल जाएगा यह अंतिम साँस में"