गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 13 अगस्त 2009, at 09:48
स्वभाव में लय / नंदकिशोर आचार्य
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
नंदकिशोर आचार्य
»
कवि का कोई घर नहीं होता
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
रात भर
सब कुछ पर
छाती गई है बर्फ़
घाटी स्वभाव में लय है
जब तक
मैं छेड़ूँ नहीं उसे।