सबने देखी कच्ची, मटियाई, दूधभरी मूँगफली
किसी ने नहीं, केवल तूने ही
ओ मेरी साँवरी- तू ही बो आई थी-
तूने ही देखा : पृथ्वी की नाक में
झूलता बुलाक धन!
सबने देखी कच्ची, मटियाई, दूधभरी मूँगफली
किसी ने नहीं, केवल तूने ही
ओ मेरी साँवरी- तू ही बो आई थी-
तूने ही देखा : पृथ्वी की नाक में
झूलता बुलाक धन!