हंस बेचारा टौव्वावै छै
कौआ मस्ती में गावै छै
एक टांग पर बौगला खाड़ोॅ
मछरी सब केॅ भरमावै छै
गीत सुनै छै के कोयल के
गदहा भी नैं शरमावै छै
जेबकतरा भारी पुलिस पर
शेर पर गीदड़ गरमावै छै
कॉलर पकड़ी करी सिपाही
केॅ चौर्है नें धमकावै छै
सीधा-सच्चा ईसानोॅ के
तकदीर्हौं नें तरसावै छै
दुष्ट, दुराचारी पर किरपा
भगवानो जी देखलावै छै
घूसखोरोॅ के घरोॅ में आबेॅ
सरसत्ती, लछमी आवै छै
बेईमानोॅ कन छप्पड़ फाड़ी
तही सें दौलत बरसावै छै
सच्चा सुख संतोषी ‘बाबा’
देखी सुनी केॅ मुस्कावै छै।