Last modified on 11 जून 2017, at 12:50

हक मांग्या नीं मिळै / गौरीशंकर

हक मांग्या नीं मिळै
हक खोसीजै
अै सबद कित्ता चोखा लागै।
सुणण में ठार कैवण में
आपां कदैई
हूंस जगाई
लोगां में आपरै हक सारू
आपरी भासा सारू
सोचो
कठै है जमीन
आपणीं
आपणै हक री
बणा हेताळू
हक रा
भासा रा...।