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हमखो तो चिन्ता हो रही / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमखों तो चिन्ता हो रही,
पिया कैसे मनाऊं सबको।
सासो हमारे घर आयेंगी पिया,
चरूआ चढ़ाई नेग मांगेंगी पिया।
कैसे मनाऊं उनको। हमखों...
काहे की चिन्ता तुम करो धना,
चरूआ चढ़ाई नेग मांगेंगी धना।
अपने नैहर के कंगना,
तुम देना पहिनाय उनको। हमखों...
जिठानी हमारे घर आयेंगी, भला
लड्डू बंधाई नेग मांगेंगी
अपने नैहर के झुमका जिठनी,
रानी को देना पहिनाय। हमखों...
ननदी हमारे घर आयेंगी,
भला छठिया धराई नेग मांगेंगी
अपने नैहर के कंगना,
ननदी रानी को देना पहिनाय। हमखों...
देवर हमारे घर आयेंगे धना,
बंशी बजाई नेंग मांगेगे धना।
तुम देना मनाय उनको। हमखों...