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हमरो के पार लगैया / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरो के पार लगैया, परमेसरी मइया
आबऽ हो दीना नाथ भैया,
हमरो के पार लगैया
कथी के दियरा मइया, कथी सुत-बाती
कओने छै लेसबैया, परमेसरी मइया
सोना के दियरा मइया, पाट-सुत बाती हे
अबला नारी लेसबैया, परमेसरी मइया
कथी के नइया मइया, कथी करुआरि हे
किनकर भार लदबैया, परमेसरी मइया
सोना के नइया मइया, रूपा करुआरि हे
नारियल-केरा लदबइया, परमेसरी मइया
लियौ-लियौ अर्घ मइया, होइऔ सहैया
सब दिन पार लगैया, परमेसरी मइया