मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हमरो पर होइऔ सहाय, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
चारि पहर राति जल-थल सेबलौं
सेबलौं छठि गोरथारि, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
अपना लय मंगलौ अन-धन लछमी
जुग-जुग मांगल अहिबात, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
घोड़ा चढ़य लेल बेटा एक मंगलौं
मांगल घर-सच पुतोहु, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
बयन बिलहै लेल बेटी एक मांगल
मांगल पंडत जमाय, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय