मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हमर योग नागर, गुण आगर
देश पैसि जोहय योगिक योग अवतारल
रुनुकि-झुनकि धिया चलतीह, पहु देखताह
पागक फेंच उधारि हृदय बीच राखल
हमर योग नागर, गुण आगर
खात खण्ड नव दीप, योग अवतारल
भनहि विद्यापति गाओल, फल पाओल
गौरी सुन्दर वर पाओल