हम है भारत मां के लाल
कभी नही घबराएंगें,
खेलकुद कर पढ़ लिखकर
जग में नाम कमाएंगें।
हम है धरती मां के फूल
भेद-भाव को जाएँ भूल,
घर-आँगन को महकाएँ
हंसकर सबको गले लगाएँ।
हम है भारत मां के लाल
कभी नही घबराएंगें,
खेलकुद कर पढ़ लिखकर
जग में नाम कमाएंगें।
हम है धरती मां के फूल
भेद-भाव को जाएँ भूल,
घर-आँगन को महकाएँ
हंसकर सबको गले लगाएँ।