♦ रचनाकार: अज्ञात
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हम तुमसे पूछें, ए रानी रुकमणि।
कृष्ण वर कैसे पायें, मोरे लाल। हम...
चार महीना तो घुमड़ जल बरसो,
हम उरिया तरें ठांड़े मोरे लाल। हम...
चार महीना के जाड़े परत हैं,
हमने गंगा नहाई मोरे लाल। हम...
चार महीना की गरमी पड़त है।
पंचवटी तप कीन्हें मोरे लाल। हम...
इतने तप हम किये हैं माया,
जब कृष्ण वर पाये मोरे लाल। हम...