हम दोनों मौन हैं
बस इतना याद है
दो हथेलियों का साथ है
एक हथेली मेरी और
एक तुम्हारी है
हम दोनों मौन हैं
चाँद मेरी तरह पिघल रहा है
नींद में जैसे फिर चल रहा है
मेरी खुली आँखों में ख़्वाब हैं
तेरी खुली आँखों में अलाव है
मगर हम दोनों फिर भी मौन हैं