हमारी चूक से अगर दर्जनों लोगों
की हत्या हो जाए तो हम माफ़ी
नही माँगेंगे ।
हम उन अन्नदाताओं की आत्महत्या पर
चुप रहेंगे, जिनका उपजाया अनाज खा-खाकर
हमारी रगों में बढ़ता है ख़ून ।
हम शहीदों को अमर बनाने के लिए
बनाएँगे स्मारक, लेकिन उनके घर के
अन्धेरे में कभी नही झाँकेंगे ।
हम भूख से जान गँवानेवाले मज़लूमों
के लिए नही प्रकट करेगे शोक सम्वेदना,
उनकी मृत्यु को स्वाभाविक मान लेंगे ।
हम अपने सिंहासन की रक्षा के लिए
आकाश-पाताल एक कर देंगे,
यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है ।
प्रजाजनों याद रखो कि हम
राजा हैं ।