हरि करै सो
खरी करै
राज करै सो
रंक
तपै तावड़ो
माथा पै
वगत चुभावै
डंक
सुरग लोक रो
छाया में
कुदरत मांडै
अंक
म्यांऊ-म्याऊं
शेर करै
सियाली़
हुंकार
हरि जी
थारै राज में
सोग हुया
तैयार
चूला डूबा
ब्याज में
मौसर डूबा
गांव
मांडै डूबा
गोखड़ा
खेती डूबी
ब्याव।