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हर इंसान बराबर है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

चीनी हो जापानी हो
रूसी हो ईरानी हो
बाशिंदा हो लंका का
या वो हिंदुस्तानी हो

सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है

अनवर हो अरबिंदो हो
मरियम हो या इंदु हो
मुस्लिम हो या ईसाई
वो सिख हो या हिन्दू हो

सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है

सेठ भिकारी एक समान
मिल मालिक हो या दरबान
जिस कि कुटिया छोटी सी
जिस का बंगला आलीशान

सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है

फौजी हो या पटवारी
मेरासी या भंडारी
खेती करने वाला हो
या करता हो सरदारी

सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है

चपरासी हो या अफसर
मौची हो या सौदागर
खींच रहा है जो रिक्शा
जो बेठा है रिक्शा पर

सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है

पंजाबी हो या सिंधी
उर्दू बोले या हिंदी
धौती पहने या शलवार
फूल सजाऐ या बिंदी

सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है

काम ज़रूरी करता हो
या मज़दूरी करता हो
जो भी हो वो जैसा भी
महनत पूरी करता हो


सब का मान बराबर है
हर इंसान बराबर है