हर निशा आपके बिन अमा सी लगे
आप जब साथ हों पूर्णमासी लगे
जाने क्या बात है आप के रूप में
आधुनिक दृष्टि भी आदिवासी लगे
कोई भी स्वर्ग कीअप्सरा क्यों न हो
आपके सामने देवदासी लगे
गोरे मुख पर यह काली लटें देख कर
चाँद फ़ीका लगे रात बासी लगे
आपका साथ जब से मिला है हमें
भोर मथुरा लगे साँझ काशी लगे
आपके बिन हमें जिंदगी यूँ लगी
जैसे पानी बिना मीन प्यासी लगे