हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हलबल हलबल नदी बह सै
रायजादा न्हाण सिंजोया जी राज
गैर बखत मत न्हाओ रायजादा
कठिन कठारो होय सै जी राज
सांझ बखत थम रायजादा न्हाओ
रायजादा बात सुगन को होय सै जी राज
किसीयां को सै रतन कचोड़ी
किसयां का सै मोतीडारां हार जी राज
समधी को सै रतन कचौड़ी
बन्ना जी का सै मोतीडारां हार जी राज
हार सोहबे हीबड़े के ऊपर
मोतीडा लेंगा झिलारा जी राज