Last modified on 6 मई 2016, at 17:14

हल्ला-गुल्ला / अमरेन्द्र

पों-पों, खट-खट
हल्ला-गुल्ला
भला लोग के
मूँ पर कुल्ला
दिन भर झन-झन
भारी आफत
इक दिन पुरतै
दुर्दिन, दुर्गत
बहरोॅ होतै
पागल होतै
आय नै होलै
तेॅ कल होतै।