पांच सकै है
अकास री ऊंचाई
जै हुवै हुंस
ताकड़ियां तो
सदा छळती रैी
तनां-मनां नैं
विरासत तो
कोरो धन नीं हुवै,
संस्कार हुवै।
पांच सकै है
अकास री ऊंचाई
जै हुवै हुंस
ताकड़ियां तो
सदा छळती रैी
तनां-मनां नैं
विरासत तो
कोरो धन नीं हुवै,
संस्कार हुवै।