Last modified on 27 जुलाई 2018, at 12:33

हाइकु 100 / लक्ष्मीनारायण रंगा

पात्र हूं बस
जळ, अमी, जहर
चावै सो भर


आवै जद ई
थारी याद, म्हारी मा
हिमाळो गळै


काळी लछमी
करै गोरी लछमी
संत मायावी