मा तो हुवै है
नीर भरी बदळी
बरसती रै
थ्यावस राख
जिको सूरज डूबै
बो पाछौ ऊगै
आज मिनख
ऊपर सूं अर्जुन
मांय शिखंडी
मा तो हुवै है
नीर भरी बदळी
बरसती रै
थ्यावस राख
जिको सूरज डूबै
बो पाछौ ऊगै
आज मिनख
ऊपर सूं अर्जुन
मांय शिखंडी