Last modified on 27 जुलाई 2018, at 13:19

हाइकु 120 / लक्ष्मीनारायण रंगा

जबान नईं
पूंछ हिलाणो सीख
सै सुख मिलै


पाळोड़ा पंछी
उडै आंगण छोड़
पूठा नीं आवै


थिर तणाव
कठै गुमगी हंसी
ई नगर री