पै‘ला भी आयो
अबार आयोड़ो हूं
फेर आऊंला
काच देखतां
बीत्यो आखो जीवण
अजै अंजाणो
छापा-तिलक
आरती‘र भजन
मन-नास्तिक
पै‘ला भी आयो
अबार आयोड़ो हूं
फेर आऊंला
काच देखतां
बीत्यो आखो जीवण
अजै अंजाणो
छापा-तिलक
आरती‘र भजन
मन-नास्तिक